Wednesday, November 23, 2011

मालती बसंत






जीवन एक बाग है 
फूलों की तरह हंसो 
भवरों सा गुनगुनाओ !!

जीवन एक नदी है
निरंतर  आगे बढो
बाधाओं से न डरो !!

जीवन एक पर्वत है 
लक्ष्य में दृढ रहो 
ऊँचाइयों को छुओ !!

जीवन एक हास्य कविता है
खुद पर हंसों
दूसरों को हंसाओ 
सबको अपना बनाओ !!

1 comment:

  1. जीवन एक बाग है
    फूलों की तरह हंसो
    भवरों सा गुनगुनाओ,....बिकुल सही है....
    सुंदर अभिव्यक्ति ..

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