वीरान छुपा होता है
मय के हर प्याले में तूफ़ान छुपा होता है
दिले आशिकी में आसमान छुपा होता है !
एक गजल ही मुक्कमल है शायर के लिए
हर एक गजल में दीवान छुपा होता है !
जब दर्द ही दर्द को गले लगाता है
हमदर्द के जज्बातों में इन्सान छुपा होता है !
आकर दिले मकां में जाने का जो नाम न ले
घर के हर कमरे में जहान छुपा होता है !
हर बात में हंसते हर बात में मुस्कुराते हैं
दिल के पातालों में वीरान छुपा होता है !
खैरात दिया करते तीखी मुस्कुराहटों के संग
खुदी की इन खैरातों में एहसान छुपा होता है !
जाने कौन दफन है ऊँचे महलों के नीचे
जमीं जिन्दगी में ज्यों कब्रिस्तान छुपा होता है !
गीत , गजल , नज्म ,रुबाई , हर लफ्ज फलसफा होता है
तहरीरों की तह में देखो उन्वान छुपा होता है !
हम हैं तुम हो या कोई और आदम
मधु मुस्कानों में भगवान छुपा होता है !